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Today’s Beauty Tips : फेशियल करवाने के बाद स्किन का रखें विशेष ध्यान, महीनों तक ग्लो रहेगा बरकरार

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Beauty Tips. रोजाना के प्रदूषण व धूल मिट्टी की वजह से स्किन को काफी नुकसान उठाना पड़ता हैं. गर्मियों के इन दिनों में तो पसीने की वजह से स्किन के हालात और भी बिगड़ जाते हैं. ऐसे में स्किन का ग्लो और शाइन बनाए रखने के लिए कई महिलाएं फेशियल करवाना पसंद करती हैं.

फेशियल चेहरे की स्किन को अंदर तक साफ करने का सबसे अच्छा तरीका है. इससे ना केवल स्किन में ग्लो आता है, बल्कि यह टोनिंग और मॉइस्चराइजिंग भी करती है. लेकिन कई लोगों को यह शिकायत रहती है कि फेशियल के बावजूद उनकी स्किन को निखार नहीं मिल पाता है. इसका कारण बनती है अनजाने में फेशियल के बाद की जाने वाली कुछ गलतियां. जिनके बारे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं. इन गलतियों के कारण स्किन पर रिएक्शन की समस्या भी हो सकती है. आपको फेशियल कराने के बाद इन गलतियों को करने से बचना चाहिए. आइए जानते हैं इनके बारे में.

फेस वॉश या स्क्रब न करें

फेशियल करवाने के बाद कम से कम 4 से 6 घंटे तक चेहरे पर फेसवॉश नहीं करना चाहिए. अगर आपको चेहरे को धोने की जरूरत हो आप केवल पानी की छींटें मारकर चेहरे को साफ कर लें. यह भी ध्यान रखें कि स्किन को टॉवल से अधिक रगड़ें नहीं और स्क्रब से बचें. ऐसा करने से स्किन डैमेज हो सकती है और फेशियल का असर भी कम हो सकता है.

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धूप के संपर्क में ना आएं

फेशियल के बाद गलती से भी धूप के संपर्क में ना आएं. दरअसल फेशियल के बाद स्किन के पोर्स खुल जाते हैं. जिसकी वजह से सूर्य की किरणें स्किन को हार्म पहुंचा सकती हैं. इसलिए फेशियल कराने के कुछ दिनों तक धूप से बचने की कोशिश करें.

हॉट शॉवर को करें अवॉयड

फेशियल के बाद हॉट शॉवर को भी पूरी तरह से अवॉयड करना चाहिए. फेस को धोने के लिए ठंडे पानी या सामान्य पानी का ही इस्तेमाल करें. इसके अलावा फेशियल के बाद दो से तीन दिनों तक वर्कआउट को अवॉयड करें.

साबुन न करें यूज

अगर आपने फेशियल करवाया है, तो इसके तुरंत बाद चेहरे और अपनी गर्दन को साबुन से धोने से बचना चाहिए. इसके बजाय आप गुलाबजल से चेहरे को साफ कर सकते हैं. साबुन के इस्तेमाल से चेहरे पर चमक नहीं आ पाती.

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खूब सारा पानी पीना है जरूरी

फेशियल या फिर अन्य कारणों से भी स्किन को हाइड्रेट रखने के लिए पानी पीते रहना चाहिए. यह आपकी त्वचा को अंदर से मॉइश्चराइज रखता है. ऐसे में आपको फेशियल के बाद पानी अधिक मात्रा में पीना चाहिए. कोशिश करें कि 2 से 3 दिन तक ये काम जरूर करें.

स्ट्रेस से दूर रहें

फेशियल के बाद आपके चेहरे पर ग्लो तो आएगा, लेकिन अगर आप स्ट्रेस लेती हैं, तो शायद आपके चेहरे का ग्लो 15 दिन भी नहीं रुक पाएगा. दरअसल स्ट्रेस लेने से आपकी स्किन पर असर पड़ता है, जिससे आपके फेस से ग्लो हटने के साथ आपको डार्क सर्कल की परेशानी भी हो सकती है. इसलिए आपको स्ट्रेस से दूर रहने की कोशिश करनी चाहिए.

ज्यादा मेकअप से करें परहेज

फेशियल करवाने के बाद आपकी स्किन अंदर तक साफ हो जाती है और त्वचा के पोर्स खुल जाते हैं. जिससे मेकअप प्रोडक्ट्स के केमिकल स्किन के अंदर जाकर कई स्किन प्रॉबलम्स का कारण बन सकते हैं. इसलिए फेशियल करवाने के तुरंत बाद किसी भी तरह के मेकअप करने से परहेज करना चाहिए.

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छत्तीसगढ़

CG: स्वास्थ्य विभाग की टीम ने ऑस्ट्रेलिया में सेंट जॉन गॉड हॉस्पिटल के विशेषज्ञों से की चर्चा

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रायपुर। ऑस्ट्रेलिया के अध्ययन दौरे पर गए स्वास्थ्य मंत्री श्री टी.एस. सिंहदेव और अधिकारियों ने आस्ट्रेलिया के जीलोंग शहर के सेंट जॉन गॉड हॉस्पिटल का दौरा कर विशेषज्ञों से चर्चा की। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने सेंट जॉन गॉड हॉस्पिटल में निर्धारित मानकों पर दी जाने वाली गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाओं, मेडिकल ऑडिट प्रणाली, छात्रों को दिए जाने वाले गुणवत्तापूर्ण प्रशिक्षण एवं प्रोटोकॉल के साथ ही गोल्डन ऑवर में मरीज़ को किस तरह से सेवाएँ प्रदान की जाती है, इनका अध्ययन किया। सेंट जॉन गॉड हॉस्पिटल के विशेषज्ञों ने राज्य की टीम को ग्रामीण क्षेत्रों में दी जाने वाली स्वास्थ्य 

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छत्तीसगढ़

‘हमर लैब्स’ ने बढ़ाई जांच की सुविधा, अब हुई तक 57.46 लाख जांच

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रायपुर। प्रदेश के विभिन्न शासकीय अस्पतालों में संचालित हमर लैब से मरीजों को स्थानीय स्तर पर ही अनेक तरह की जांच की सुविधाएं मिल रही हैं। ‘हमर लैब’ वाले जिला अस्पतालों और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में जांच की सुविधाओं में खासी वृद्धि हुई है। स्वास्थ्य विभाग और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन द्वारा संचालित जिला अस्पतालों के हमर लैब में 120 तरह की और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों के हमर लैब में 60 प्रकार की जांच की सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं।

राज्य के 16 हमर लैब में 1 अप्रैल 2022 से अब तक कुल 57 लाख 46 हजार पैथोलॉजी, माइक्रोबायोलॉजी और बायोकेमिस्ट्री जांच की गई हैं। जिला अस्पतालों के हमर लैब में 120 और सीएचसी के लैब में 60 तरह की जांचराज्य का पहला हमर लैब फरवरी-2020 में रायपुर जिला चिकित्सालय में शुरू किया गया था। 1 अप्रैल 2022 से अब तक यहां सात लाख 48 हजार 128 जांचें की जा चुकी हैं। सुदूर वनांचल बीजापुर के जिला अस्पताल के हमर लैब में छह लाख 96 हजार 357, जगदलपुर जिला अस्पताल के हमर लैब में छह लाख 55 हजार 812, कांकेर जिला अस्पताल में छह लाख 52 हजार 698, दुर्ग जिला अस्पताल में पांच लाख 48 हजार 951, बालोद जिला अस्पताल में चार लाख 63 हजार 330, सुकमा जिला अस्पताल में तीन लाख 69 हजार 621, बलौदाबाजार जिला अस्पताल में तीन लाख चार हजार 028, राजनांदगांव जिला अस्पताल में दो लाख 38 हजार 195, कोंडागांव जिला अस्पताल में दो लाख 12 हजार 439 और बलरामपुर जिला अस्पताल के हमर लैब में इस दौरान एक लाख 74 हजार 589 जांचें की गई हैं। हमर लैबपाटन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में संचालित हमर लैब में अप्रैल-2022 से अब तक दो लाख 23 हजार 356 जांचें की गई हैं। इस दौरान मानपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के हमर लैब में एक लाख 12 हजार 839, पलारी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में 70 हजार 052 और खरसिया सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में 17 हजार 603 जांचें की गई हैं। अंबिकापुर स्थित शासकीय मेडिकल कॉलेज में भी इस वर्ष 6 फरवरी से हमर लैब संचालित है। 6 फरवरी 2023 से 30 अप्रैल 2023 तक वहां दो लाख 55 हजार 738 जांचें की जा चुकी हैं।

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छत्तीसगढ़

अबूझमाड़ में असल ऑपरेशन हुआ शुरू… 35 साल बाद ऑपरेशन थियेटर शुरु हुआ तो पहले दिन हुये 30 ऑपरेशन

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ऑपरेशन थियेटर में मशीनों की बीप-बीप की आवाज बहुत धीमे से कानों में पड़ती है। लेकिन अबूझमाड़ के 5 हजार वर्ग किलोमीटर इलाके में अब इस आवाज को हर कोई सुन सकेगा। कभी नक्सल आतंक की वजह से गोलियों की थर्राहट पर अब ये आवाजें भारी पड़ने वाली हैं क्योंकि अबूझमाड़ के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ओरछा में 24 मई बुधवार से ऑपरेशन थियेटर शुरू हो गया है। यहां ऑपरेशन थियेटर की सुविधा शुरू होना इस इलाके के आदिवासियों के लिये किसी सपने से कम नहीं है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की टीम को इस उपलब्धि के लिये बधाई दी है।


बड़ी बात ये कि ओटी शुरू होने के पहले दिन ही 30 मरीजों के ऑपरेशन किये गये। यहां रहने वाले आदिवासियों को ये सुविधा करीब 35 साल बाद मिली है। ओरछा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र 1989 में शुरू हुआ था। तब से यहां वनांचल में रहने वाले आदिवासियों को ऑपरेशन के लिये जगदलपुर, जिला मुख्यालय नारायणपुर या फिर महाराष्ट्र जाना पड़ता था।

एक महीने के रिकॉर्ड समय में बना ऑपरेशन थियेटर– अबूझमाड़ के निवासी ओरछा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में ऑपरेशन थियेटर का बड़ी बेसब्री से इंतजार कर रहे थे। खास बात रही कि ये ऑपरेशन थियेटर मात्र एक महीने के रिकॉर्ड में तैयार किया गया है। जिला खनिज न्यास निधि से उक्त ऑपरेशन थियेटर स्वीकृत किया। जिसे बनाने के लिये दिन-रात काम किया गया। नारायणपुर के तत्कालीन कलेक्टर ऋतुराज रघुवंशी ने बताया कि अबूझमाड़ क्षेत्र में रहने वाले आदिवासियों को वहां सब कुछ उपलब्ध है क्योंकि वे प्रकृति के नजदीक बहुत सीमित जरूरतों में रहते हैं। वहां उनके लिये बाजार है, राशन उपलब्ध है लेकिन उनके पास तक स्वास्थ्य सुविधाएं ले जाना बहुत जरूरी था। ऑपरेशन थियेटर बनने से वहां के आदिवासियों का विश्वास शासन-प्रशासन के प्रति और मजबूत होगा।

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पहले दिन किये गये ये ऑपरेशन– ऑपरेशन थियेटर के शुरू होते ही पहले दिन में रिकॉर्ड 30 ऑपरेशन किये गये। जिनमें महिला नसबंदी के 13, पुरुष नसबंदी के 8, सिस्ट के 3, हाइड्रोसिल के 2, एमपीटी के 2, इनसीजन ड्रैनेज का 1 और हॉर्निया का 1 ऑपरेशन शामिल है। ऑपरेशन के लिये विशेषज्ञ डॉक्टर्स को बुलाया गया। डॉक्टर्स की टीम में नारायणपुर, कोण्डागांव जिला के विशेषज्ञों को बुलाया गया। ऑपरेशन के पहले दिन सीएमएचओ डॉ टी आर कुंवर, डॉ एस नागुलन, डॉ टीना, डॉ गायत्री मौर्य, डॉ केशव साहू, डॉ सुखराम दोरपा, डॉ वल्लभ ठक्कर और अन्य चिकित्सीय सहयोगियों द्वारा सहयोग किया गया।

जल्द मिलेंगी ये सुविधायें– ओरछा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में ऑपरेशन थियेटर शुरू होने के बाद जल्द ही चिकित्सीय सेवाओं और सुविधाओं का विस्तार होने वाला है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का नया भवन बनकर तैयार है, जल्द ही नये भवन में ओपीडी की सुविधा मिलने लगेंगी। पुराने भवन में ऑपरेशन और भर्ती के लिये सुविधाएं भी बढ़ाई जायेंगी। स्वास्थ्य केंद्र में जल्द ही बल्ड बैंक खुलेगा। मरीजों की जांच के लिये सोनोग्राफी की सुविधा भी जल्द मिलने वाली है। जिससे डॉक्टर्स को डायग्नोस करने में आसानी होगी और मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिल पायेंगी।

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अबूझमाड़ नारायणपुर जिले का सुदूर वनांचल इलाका है जो बहुत बड़े इलाके करीब 5 हजार वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है। यहां दुर्गम भौगोलिक परिस्थितियों और नक्सल आतंक की वजह से बुनियादी सुविधाएं पहुंचाना बहुत मुश्किल काम था। लेकिन बीते चार साल में नक्सल घटनाओं में कमी के कारण यहां के लोगों के लिये बहुत सी सुविधायें पहुंचाई गयी हैं। अबूझमाड़ के निवासियों के लिये सबसे बड़ी सुविधा मसाहती सर्वे से भी मिली। अभी तक इस इलाके में कोई सर्वे नहीं हो पाया था जिससे हितग्राहियों तक शासकीय योजनायें पहुंचाने में मुश्किलें आतीं थी। लेकिन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देश पर मसाहती सर्वे पर बड़ी तेजी से काम किया गया और शासन की योजनाएं अबूझमाड़ के लोगों तक पहुंचने लगी हैं।

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