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TMC की जीत के बाद बंगाल में भाजपा की महिला कार्यकर्ताओं के साथ सामूहिक बलात्कार और हत्याओं से कांप उठा देश, देखें Video
कोलकाता। बंगाल में तृणमूल कांग्रेस की जीत के बाद राज्य भर में भाजपा कार्यकर्ताओं की बर्बर तरीके से हत्या और महिला पोलिंग एजेंट के साथ सामूहिक दुष्कर्म का दौर शुरू हो गया है, प्रदेश भाजपा ने अपने आधिकारिक व्हाट्सएप ग्रुप में सोमवार शाम जो बयान जारी किया है,
उसमें दावा किया है कि बीरभूम जिले के नानूर से भाजपा उम्मीदवार तारक साहा कि पोलिंग एजेंट बनी दो महिला कार्यकर्ताओं से तृणमूल कांग्रेस के लोगों ने सामूहिक दुष्कर्म किया है, एक कार्यकर्ता का अपहरण कर ले गये हैं।
ममता जी की जीत के बाद उनके कार्यकर्ता जश्न मना रहे है और भाजपा कार्यकर्ताओं के घर तोड़ रहे है। अब तक 9 से ज़्यादा भाजपा कार्यकर्ताओं की हत्या हो चुकी है। #नींद_से_जागो_अमित_शाह_जी @KailashOnline @PMOIndia @AmitShah
इसके अलावा विधानसभा क्षेत्र के 12 गांवों में भाजपा की महिला कार्यकर्ताओं के साथ शारीरिक उत्पीड़न और यौन शोषण की घटनाएं लगातार हो रही हैं,
प्रदेश भाजपा के प्रभारी और अंतरराष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने दावा किया है कि एक दिन में भारतीय जनता पार्टी के नेताओं-कार्यकर्ताओं को मौत के घाट उतारा गया है, इनमें से बेलियाघाटा के अभिजीत सरकार और सोनारपुर के हारन को बर्बर तरीके से पीट-पीट कर मौत के घाट उतारा गया है।
“They hurled bombs in front of my eyes & vandalised my house & party office. My only mistake is that I am a BJP worker. They killed my innocent puppies, said BJP’s worker Avijit Sarkar before he was thrashed to death by TMC goons.
https://twitter.com/DevendragargDev/status/1389226945347416067
बताया जा रहा है कि हत्या से पहले अभिजीत सरकार ने फेसबुक लाइव किया था, जिसमें तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं द्वारा क्षेत्र में हिंसा के बारे में जानकारी दी थी, उसके 15 मिनट के बाद उन्हें पीट-पीट कर मार डाला गया।
रविवार रात ही अभिजीत सरकार नामक एक भाजपा कार्यकर्ता ने तृणमूल के कार्यकर्ताओं की हरकतों के बारे में बताया, उसके कुछ ही देर बाद उनकी हत्या कर दी गयी।
अभिजीत सरकार ने फेसबुक लाइव के माध्यम से अपनी बात रखी थी, उन्हें पता भी नहीं था कि फेसबुक पर लाइव कैसे आते हैं, लेकिन उन्होंने किसी तरह वीडियो बनाया और बताया कि तृणमूल के गुंडे लगातार बमबारी कर रहे थे और उन्होंने उनके घर और दफ्तर को तहस-नहस कर डाला, उन्होंने कहा कि उनकी एक ही गलती है कि वे भाजपा कार्यकर्ता हैं।
एक अन्य वीडियो में उन्होंने बताया कि उनके घर और दफ्तर को तोड़ डाला गया है, उनके कुत्ते के पांच बच्चे को मार डाला गया, उन्होंने तृणमूल विधायक स्वर्ण कमल साहा के लोगों को इसके लिए दोषी ठहराया था, थोड़ी देर बाद ही तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ता उसके घर गये और पीट-पीट कर मार डाला।
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रामलला के दर्शन करने जा सकते हैं PM मोदी, BJP कर रही भव्य आयोजन की तैयारी
नेशनल डेस्कः लोकसभा के चुनाव हों और राम मंदिर का जिक्र ना हो। ऐसा सियासत में शायद नामुनकिन है।लोकसभा चुनाव के लिए पहले चरण की वोटिंग 19 अप्रैल से शुरू होगी। देश में 7 चरणों में लोकसभा चुनाव संपन्न होंगे।
इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 17 अप्रैल को राम मंदिर में पूजा अर्चना करेंगे। जानकारी के मुताबिक, 17 अप्रैल को रामनवमी पर बीजेपी बड़ा आयोजन करेगी। बता दें कि 22 जनवरी को राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की गई थी। देशभर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर धार्मिक आयोजन किए गए थे।
1 करोड़ से अधिक श्रद्धालु कर चुके हैं रामलला के दर्शन एक आंकड़े के मुताबिक, राम मंदिर में रामलला के लाखों भक्त रोजाना दर्शन के लिए अयोध्या पहुंच रहे हैं। अब तक 1 करोड़ से अधिक रामभक्त रामलला के दर्शन कर चुके हैं। अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के बाद पर्यटन के क्षेत्र में तेजी देखने को मिल रही है। वहीं, राम मंदिर के दूसरे चरण का निर्माण कार्य भी शुरू हो गया है।
राम मंदिर में जमकर दान कर रहे भक्त प्राण प्रतिष्ठा के बाद एक महीने में 25 किलोग्राम सोने और चांदी के आभूषण सहित लगभग 25 करोड़ रुपये का दान मिला है। राम मंदिर ट्रस्ट के कार्यालय प्रभारी प्रकाश गुप्ता ने बताया कि 25 करोड़ रुपये की राशि में चेक, ड्राफ्ट और मंदिर ट्रस्ट के कार्यालय में जमा की गई नकदी के साथ-साथ दान पेटियों में जमा राशि भी शामिल है। उन्होंने बताया, ”हालांकि हमें ट्रस्ट के बैंक खातों में ऑनलाइन माध्यम से भेजे गए धन के बारे में जानकारी नहीं है।
रामनवमी पर दान में हो सकती है बढ़ोतरी मंदिर ट्रस्ट को रामनवमी उत्सव के दौरान दान में वृद्धि की उम्मीद है,क्योंकि उस समय लगभग 50 लाख भक्तों के अयोध्या आने की संभावना हैं। उम्मीद है कि रामनवमी के दौरान चंदे के रूप में बड़ी मात्रा में नकदी मिल सकती है जिसके मद्देनजर भारतीय स्टेट बैंक ने राम जन्मभूमि पर चार स्वचालित गणना मशीनें लगाई हैं।
उन्होंने कहा, “ट्रस्ट द्वारा रसीदें जारी करने के लिए एक दर्जन कम्प्यूटरीकृत काउंटर बनाए गए हैं और राम मंदिर ट्रस्ट द्वारा मंदिर परिसर में अतिरिक्त दान पेटियां रखी जा रही हैं।” गुप्ता ने बताया, ”जल्द ही राम मंदिर परिसर में एक बड़ा और सुसज्जित गणना कक्ष बनाया जाएगा।”
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लोकसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान, क्या अभी लोग वोटर लिस्ट में नाम जुड़वा सकते हैं?
Elections 2024 : इलेक्शन कमीशन ऑफ़ इंडिया ने 18वीं लोकसभा के चुनावों की घोषणा कर दी है. और इसी के साथ भारत में आचार संहिता भी लागू हो गई है. मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने जानकारी दी कि इस बार लोकसभा के चुनाव सात चरणों में पूरे होंगे.
19 अप्रैल को चुनावों के पहले चरण में 21 राज्यों में वोटिंग होगी. राजीव कुमार ने यह भी बताया कि भारत में कुल 97 करोड़ रजिस्टर्ड मतदाता है. कई लोग अभी भी ऐसे हैं जो 18 साल से ऊपर के हो चुके हैं. लेकिन उनका नाम वोटर लिस्ट में नहीं है. तो क्या अब भी जुड़वाया जा सकता है वोटर लिस्ट में नाम चलिए जानते हैं.
लगभग 10 दिन का होता है समय
आज इलेक्शन कमीशन के चुनावों की तारीखों के ऐलान के साथ ही भारत में आचार संहिता भी लागू हो गई है. आचार संहिता लगने के बाद कई सरकारी कामों पर रोक लग जाती है. कोई नई योजना लागू नहीं हो पाती. नया फंड रिलीज नहीं हो पाता. लेकिन इस बीच अगर 18 साल से ऊपर किसी का वोटर लिस्ट में नाम नहीं जुड़ा है. तो फिर अभी भी वह वोटर लिस्ट में अपना नाम जुड़वा सकते हैं. आचार संहिता लागू होने के बाद लगभग 10 दिन तक वोटिंग लिस्ट में नाम जुड़वाया जा सकता है. यानी कि अगर किसी का वोटर लिस्ट में नाम नहीं जुड़ा है. तो उसके पास 26 मार्च तक का समय है नाम जुड़वाने के लिए.
ऑनलाइन इस तरह जुड़वा सकते हैं नाम
अगर आपका नाम वोटर लिस्ट में नहीं जुड़ा है तो उसके लिए आप ऑनलाइन अपना नाम जुड़वा सकते हैं. इसके लिए आपको इलेक्शन कमिशन आफ इंडिया की आधिकारिक वेबसाइट www.eci.nic.in पर जाना होगा. इसके बाद ‘ऑनलाइन वोटर रजिस्ट्रेशन’ लिंक पर क्लिक करें. इसके बाद नई यूजर आईडी और पासवर्ड बनाएं. इसके बाद अपनी पासपोर्ट साइज की फोटो अपलोड करें. अगर आप डॉक्यूमेंट अपलोड नहीं कर पा रहे हैं. तो आप उसमें BLO के पास डॉक्यूमेंट जमा करने का ऑप्शन चुन सकते हैं. BLO आपके घर से जरूरी दस्तावेज ले जाएगा.
ऑफलाइन इस तरह करें आवेदन
अगर आप ऑफलाइन वोटिंग लिस्ट में अपना नाम जुड़वाना चाहते हैं. तो इलेक्शन कमिशन की आधिकारिक वेबसाइट से फॉर्म डाउनलोड कर सकते हैं. या फिर आप निर्वाचन पंजीकरण अधिकारी के पास जाकर उस आवेदन फार्म ले सकते हैं. इसके बाद फॉर्म में मांगी गई जानकारी को भरने के बाद सर्पोटिंग डॉक्युमेंट्स को अटैच करके के बाद आप उसे बूथ लेवल ऑफिसर के पास जमा कर सकते हैं.
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लोकसभा चुनाव 2024: रायबरेली सीट पर है लगातार कांग्रेस का कब्जा, सोनिया गांधी के चुनाव लड़ने से इंकार करने के बाद अब प्रियंका गांधी उतरेंगी मैदान पर!
Lok Sabha Elections 2024. पिछले लोकसभा चुनाव 2019 में उत्तर प्रदेश की रायबरेली सीट पर ही कांग्रेस जीत हासिल कर पाई थी. बता दें कि रायबरेली में लगातार कांग्रेस का कब्जा है, लेकिन सांसद सोनिया गांधी ने क्षेत्रवासियों को पत्र लिककर चुनाव लड़ने से इंकार किया है. अब इस सीट पर कांग्रेस प्रियंका गांधी को चुनावी मैदान पर उतारेगी या फिर किसी और को मौका देगी?
रायबरेली की सीट को बचाए रखने के लिए कांग्रेस ने 17 सीटों पर समाजवादी पार्टी के साथ समझौता किया है. 25 साल पहले सांसद बनीं सोनिया गांधी इस बार चुनावी मैदान पर नहीं होंगी. यहां से गांधी परिवार के चुनाव लड़ने पर सस्पेंस बना हुआ है. बता दें कि पिछले दिनों यूपी कांग्रेस के अध्यक्ष अजय राय ने भी यह कहा था कि उत्तर प्रदेश और अमेठी और रायबरेली की जनता यह चाहती है कि राहुल गांधी और प्रियंका गांधी अमेठी और रायबरेली से चुनाव लड़ें इसके लिए यूपी कांग्रेस के तरफ से रिक्वेस्ट भी गया हुआ है.
दरअसल, स्वास्थ्य कारणों का हवाला देकर सोनिया गांधी ने रायबरेली से चुनाव लड़ने से मना कर दिया था और राज्यसभा सदस्य बन गई. बता दें कि सपा ने अपने कोटे से एक सीट टीएमसी के लिए छोड़ दी है. सीट शेयरिंग में कांग्रेस के हिस्से में रायबरेली, अमेठी, कानपुर, फतेहपुर सीकरी, बांसगांव, झांसी, सीतापुर, सहारनपुर, प्रयागराज, महराजगंज, वाराणसी, अमरोहा, बुलदंशहर, गाजियाबाद, मथुरा, बाराबंकी और देवरिया सीट आई हैं.
रायबरेली लोकसभा सीट के चुनावी इतिहास की बात करें तो ये कांग्रेस के पक्ष में नजर आता है. अब तक के चुनावी इतिहास पर नजर डालें तो बस तीन ही मौके ऐसे आए हैं जब इस लोकसभा सीट से कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार को हार का मुंह देखना पड़ा हो. 1977 में कांग्रेस पहली बार रायबरेली हारी थी. तब भारतीय लोकदल के राजनारायण ने इंदिरा गांधी को 55 हजार वोट से अधिक के अंतर से शिकस्त दे दी थी.
रायबरेली में कांग्रेस को दूसरी शिकस्त 1996 और 1998 में तीसरी हार मिली थी. 1999 में कैप्टन सतीश शर्मा ने ये सीट फिर से कांग्रेस की झोली में डाल दी. इसके बाद पार्टी का गढ़ बचाने के लिए 2004 में खुद सोनिया गांधी चुनाव मैदान में उतरीं. रायबरेली की जनता ने उन्हें करीब ढाई लाख वोट के अंतर से बड़ी जीत का तोहफा दिया. इसके बाद हर चुनाव में सोनिया गांधी ने रायबरेली से बड़ी जीत दर्ज की थी.
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