क्राइम
बिलासपुर में रेलकर्मी ने युवती से दुष्कर्म कर बनाया वीडियो, फिर करता रहा ब्लैकमेल…

बिलासपुर. न्यायधानी में युवती से रेप का मामला सामने आया है. रेल कर्मी छात्रा को ट्यूशन पढ़ाता था. नोट्स बनाने के बहाने छात्रा को घर में बुलाया और नशीला पदार्थ पिलाकर दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दिया. पूरा मामला तोरवा थाना क्षेत्र का है. पुलिस मामला दर्ज कर फरार आरोपी की तलाश में जुट गई है.मिली जानकारी के मुताबिक, आरोपी रेल कर्मचारी दुष्कर्म का वीडियो बनाकर ब्लैकमेल कर सात साल तक दुष्कर्म करता रहा. बालिक होने के बाद छात्रा की शादी हुई इसके बाद भी पीछा नहीं छोड़ा. विवाहिता का वीडियो बनाकर पति को भेजा और संबंध तुड़वा दिया. युवती की शिकायत पर तोरवा पुलिस ने रेल कर्मी अनुराग शेखर सिन्हा के खिलाफ मामला दर्ज किया है.
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गरियाबंद: हॉस्टल में छात्राओं से छेड़छाड़ के आरोप में हॉस्टल संचालक गिरफ्तार

गरियाबंद। नाबालिग छात्राओं से छेड़छाड़ के आरोप में हॉस्टल संचालक को गिरफ्तार किया गया है। छात्राओं ने अश्लीलता और दैहिक शोषण के आरोप लगाए हैं। बंजारा समाज की बेटियों से गंदी हरकत की गई है। छुरा थाना क्षेत्र का मामला है।

छात्राओं ने आरोप लगाया कि हॉस्टल अधीक्षक यहां मौजूद नाबालिग छात्राओं से अश्लील हरकत करता है। छात्रावास में बाहर के लोग भी आते जाते हैं। मानसिक और शारीरिक उत्पीड़न के भी आरोप लगाए हैं। दरअसल इस मामले का खुलासा तब हुआ, जब छात्राएं अपने परिजनों को आपबीती सुनाई. मामले की जानकारी लगते ही थाने में सूचना दी गई।
छात्रावास संचालक गिरफ्तार
इस हॉस्टल में वर्तमान में 31 छात्राएं रहती हैं, जो पहली से कक्षा 10वीं तक की पढ़ाई कर रही हैं। मामले में एसडीएम भूपेंद्र साहू ने कहा कि शिकायत के बाद पूछताछ की गई। फिलहाल छेड़छाड़ के केस में छात्रावास संचालक को गिरफ्तार कर लिया गया है। मामले की जांच जारी है, जल्द और खुलासा हो सकता है।
संचालक के खिलाफ मामला दर्ज
मामले में एडिशनल एसपी डीसी पटेल ने बताया कि घटना की जानकारी मिलते ही महिला बाल विकास विभाग और सखी सेंटर की टीम के साथ हॉस्टल पहुंचे थे। अब तक मिले तथ्य के आधार पर संचालक नारायण चौधरी के खिलाफ कार्रवाई की गई। आईपीसी की धारा 354 व प पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है। हॉस्टल 8 साल से संचालित है। उसकी वैधता की भी जांच कराई जाएगी।
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कांकेर: 9वीं के छात्र ने फांसी लगाकर की खुदकुशी, हॉस्टल में लटकी मिली लाश

कांकेर । जिले में 9वीं के छात्र ने फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली है। शहर से सटे गोविंदपुर स्थित विशिष्ट बालक छात्रावास में रहकर छात्र पढ़ाई करता था। सोमवार सुबह उसकी लाश हॉस्टल की खिड़की से लटकी मिली है। छात्र ने अपनी ही टाई से फांसी की फंदा बनाया था। फिलहाल पुलिस वहां मौजूद बच्चों और प्रबंधन से बातचीत कर रही है। मामला सिटी कोतवाली क्षेत्र का है। 14 साल का ललित आमाबेड़ा क्षेत्र के धुर नक्सल प्रभावित हुर्रा पिंजोड़ी गांव का रहने वाला था। 2 दिन पहले ही ललित हॉस्टल में वापस लौटा था। तबीयत खराब होने पर 15 दिन पहले अपने गांव गया था। वापस लौटने के बाद सोमवार सुबह 9 बजे तक ललित अपने साथियों के साथ ही था। उसके बाद वो अचानक वहां से चला गया।
शव खिड़की से लटकता हुआ मिला
10 बजे जब उसका एक दोस्त स्कूल जाने के लिए उसे ढूंढने गया, तो छात्र कहीं नहीं मिला। हर जगह तलाश करने के बाद उसका शव अध्यापक रूम की खिड़की से फांसी के फंदे पर लटकता मिला। छात्र ने अपनी टाई से फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।
मौके से नहीं मिला कोई सुसाइड नोट
बच्चे ने तुरंत इस बात की जानकारी हॉस्टल स्टाफ को दी। इसके बाद प्रबंधन ने पुलिस को सूचना दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने छात्र के शव को फंदे से नीचे उतारकर पोस्टमॉर्टम के लिए भिजवाया। पुलिस ने हॉस्टल के अन्य छात्रों और वॉर्डन लुकेश्वर साहू से पूछताछ की है। मौके से कोई सुसाइड नोट बरामद नहीं हुआ है।
छात्र के सामान की ली गई तलाशी
छात्रावास अधीक्षक लुकेश्वर साहू ने बताया कि जिस दौरान घटना हुई, वो नहाने गए हुए थे। जैसे ही छात्रों ने उन्हें आवाज दी, वो तुंरत मौके पर पहुंच गए, लेकिन तब तक छात्र की मौत हो चुकी थी। शव को फिलहाल जिला अस्पताल में रखा गया है और परिजनों को सूचना दी गई है। 14 साल के छात्र ने आत्महत्या क्यों की, ये बात किसी की समझ में नहीं आ रही। पुलिस ने छात्र के सामान की भी तलाशी ली है। थाना प्रभारी शरद दुबे ने बताया कि जांच के बाद ही खुदकुशी की वजह का खुलासा हो सकेगा।
छात्रावास में मौजूद थे 50 छात्र
घटना के दौरान हॉस्टल में 50 छात्र थे और स्टाफ भी मौजूद था, ऐसे में छात्र ने छात्रावास के अंदर ही कैसे फांसी लगा ली और उसे ऐसा करते किसी ने देखा भी नहीं, ये बड़ा सवाल है।
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Breaking News : छत्तीसगढ़ में दुष्कर्म के आरोपियों को अब नहीं मिलेगी सरकारी नौकरी, सामान्य प्रशासन विभाग ने जारी किया आदेश

रायपुर. छत्तीसगढ़ सरकार ने महिला सुरक्षा को लेकर बड़ा फैसला किया है. बालिकाओं और महिलाओं से छेड़छाड़, दुष्कर्म आदि के आरोपियों को अब सरकारी नौकरी नहीं मिलेगी. इस संबंध में राज्य सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग ने आज आदेश जारी कर दिया है. उल्लेखनीय है कि बीते 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस मुख्य समारोह में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बालिकाओं और महिलाओं से छेड़छाड़, दुष्कर्म आदि के आरोपियों को शासकीय नौकरी से प्रतिबंधित करने की घोषणा की थी. उन्होंने कहा था कि महिलाओं की सुरक्षा, सम्मान और अस्मिता बनाए रखना हमारी प्राथमिकता है.

सामान्य प्रशासन द्वारा सभी विभागों, राजस्व मण्डल के अध्यक्षों, विभागाध्यक्षों, संभागायुक्तों, कलेक्टरों को जारी निर्देश में कहा गया है कि शासकीय सेवा में नियुक्ति ऐसे अभ्यर्थी, जिनके विरूद्ध बालिकाओं एवं महिलाओं से छेड़छाड़, दुष्कर्म आदि से संबंधित नैतिक अधोपतन की श्रेणी में आने वाले अपराध जो कि भारतीय दण्ड संहिता, 1860 की धारा 354, 376, 376क, 376ख, 376ग, 376घ, 509, 493, 496 एवं 498 तथा लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम (पॉक्सो एक्ट), 2012 के अंतर्गत प्रकरण दर्ज हों, उन्हें शासकीय सेवाओं एवं पदों पर नियुक्ति के लिए प्रकरण के अंतिम निर्णय होने तक प्रतिबंधित किया जाये. राज्य सरकार द्वारा निर्देश का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करने कहा गया है.
जारी निर्देश में कहा गया है कि छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (सेवा की सामान्य शर्तें) नियम, 1961 के नियम 6 के उप-नियम (4) में निम्नानुसार प्रावधान है कि कोई भी उम्मीदवार जिसे महिलाओं के विरूद्ध किसी अपराध का दोष सिद्ध ठहराया गया हो, किसी सेवा या पद पर नियुक्ति के लिये पात्र नहीं होगा. जहां तक किसी उम्मीदवार के विरूद्ध न्यायालय में ऐसे मामले लंबित हों तो उसकी नियुक्ति का मामला आपराधिक मामले का अंतिम विनिश्चय होने तक लंबित रखा जायेगा.
गौरतलब है कि राज्य सरकार द्वारा महिलाओं से संबंधित अपराधों की रोकथाम के लिए प्रशासनिक, व्यावहारिक और विधिक कई स्तरों पर तत्परता से काम किया है. प्रदेश के 547 थानों, चौकियों में महिला सेल की स्थापना की गई है, ताकि पीड़ित महिलाएं निःसंकोच अपनी रिपोर्ट दर्ज करा सकें. जिला स्तर पर प्रत्येक जिले में महिला प्रकोष्ठ की स्थापना की गई है. प्रत्येक जिला मुख्यालय में घरेलू हिंसा एवं महिला उत्पीड़न की घटनाओं की रोकथाम के लिए महिला परामर्श केन्द्र की स्थापना की गई है. राज्य के 04 बड़े जिले बिलासपुर, रायपुर, दुर्ग तथा सरगुजा में महिला थाना स्थापित किया गया है. राज्य के 6 जिले रायपुर, दुर्ग, राजनांदगांव, बिलासपुर, रायगढ तथा जांजगीर-चांपा में महिला विरुद्ध अपराध अनुसंधान ईकाई की स्थापना की गई है.
राज्य सरकार के पुलिस विभाग द्वारा महिला सुरक्षा के लिए अभिव्यक्ति ऐप भी लॉन्च किया गया है, जिसके एक लाख 85 हजार से अधिक पंजीकृत यूजर्स हैं. महिला सुरक्षा और अपराधों को नियंत्रण करने के उद्देश्य से सार्वजनिक स्थानों को चिन्हाकिंत कर संवेदनशील स्थानों में सीसीटीव्ही कैमरा लगाये गए हैं. कार्यस्थल पर महिलाओं के साथ होने वाले यौन शोषण को रोके जाने के संबंध में प्रत्येक ईकाई में आंतरिक शिकायत समिति का गठन किया गया है. बालिकाओं और युवतियों को सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए स्कूल-कॉलेज एवं संवेदनशील स्थानों पर महिला पुलिस पेट्रोलिंग टीम द्वारा लगातार गश्त किया रहा है. इसके साथ ही विशेषज्ञ, प्रशिक्षित महिला पुलिस अधिकारियों के माध्यम से महिलाओं के विरूद्ध अपराधों की रोकथाम के लिए जागरूकता अभियान भी संचालित किया जा रहा है.
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