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सेना और उग्रवादियों के बीच गोलीबारी, 1 जवान शहीद और 2 जवान घायल

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मणिपुर के सेराउ में बीएसएफ के एक जवान के शहीद होने और असम राइफल्स के दो जवानों के घायल होने की खबर है. सेना के अधिकारियों ने कहा कि 5-6 जून की दरम्यानी रात मणिपुर के सेराउ इलाके में सुरक्षा बलों और उग्रवादियों के एक समूह के बीच हुई मुठभेड़ में सीमा सुरक्षा बल का एक जवान शहीद हो गया. असम राइफल्स के दो जवान घायल हो गए.

भारतीय सेना की स्पीयर कॉर्प्स ने एक बयान में कहा कि असम राइफल्स के घायल जवानों को विमान से मंत्रीपुखरी ले जाया गया. अधिकारियों ने बताया कि असम राइफल्स, बीएसएफ और पुलिस ने मणिपुर के सुगनू/सेरौ इलाकों में व्यापक अभियान चलाया। 5-6 जून की रात भर सुरक्षाबलों और उग्रवादियों के समूह के बीच रुक-रुक कर गोलीबारी होती रही. सुरक्षाबलों ने प्रभावी ढंग से जवाबी कार्रवाई की.

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सेना बोली- इलाके में सर्च ऑपरेशन
सेना के अधिकारियों ने कहा कि सेना, असम राइफल्स, पुलिस और सीएपीएफ ने शनिवार को पूरे मणिपुर के पहाड़ी और घाटी इलाकों में एरिया डोमिनेशन ऑपरेशन शुरू किया। बता दें कि तीन मई को मणिपुर में ऑल ट्राइबल स्टूडेंट्स यूनियन (एटीएसयू) द्वारा मेइती को अनुसूचित जनजाति (एसटी) श्रेणी में शामिल करने की मांग के विरोध में आयोजित रैली के दौरान हिंसा हुई थी. 19 अप्रैल को मणिपुर उच्च न्यायालय के एक निर्देश के बाद राज्य की एसटी श्रेणी में मेइती समुदाय को शामिल करने की मांग के विरोध में मार्च का आयोजन किया गया था.

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लोकसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान, क्या अभी लोग वोटर लिस्ट में नाम जुड़वा सकते हैं?

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Elections 2024 : इलेक्शन कमीशन ऑफ़ इंडिया ने 18वीं लोकसभा के चुनावों की घोषणा कर दी है. और इसी के साथ भारत में आचार संहिता भी लागू हो गई है. मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने जानकारी दी कि इस बार लोकसभा के चुनाव सात चरणों में पूरे होंगे.

19 अप्रैल को चुनावों के पहले चरण में 21 राज्यों में वोटिंग होगी. राजीव कुमार ने यह भी बताया कि भारत में कुल 97 करोड़ रजिस्टर्ड मतदाता है. कई लोग अभी भी ऐसे हैं जो 18 साल से ऊपर के हो चुके हैं. लेकिन उनका नाम वोटर लिस्ट में नहीं है. तो क्या अब भी जुड़वाया जा सकता है वोटर लिस्ट में नाम चलिए जानते हैं.

लगभग 10 दिन का होता है समय

आज इलेक्शन कमीशन के चुनावों की तारीखों के ऐलान के साथ ही भारत में आचार संहिता भी लागू हो गई है. आचार संहिता लगने के बाद कई सरकारी कामों पर रोक लग जाती है. कोई नई योजना लागू नहीं हो पाती. नया फंड रिलीज नहीं हो पाता. लेकिन इस बीच अगर 18 साल से ऊपर किसी का वोटर लिस्ट में नाम नहीं जुड़ा है. तो फिर अभी भी वह वोटर लिस्ट में अपना नाम जुड़वा सकते हैं. आचार संहिता लागू होने के बाद लगभग 10 दिन तक वोटिंग लिस्ट में नाम जुड़वाया जा सकता है. यानी कि अगर किसी का वोटर लिस्ट में नाम नहीं जुड़ा है. तो उसके पास 26 मार्च तक का समय है नाम जुड़वाने के लिए.

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ऑनलाइन इस तरह जुड़वा सकते हैं नाम

अगर आपका नाम वोटर लिस्ट में नहीं जुड़ा है तो उसके लिए आप ऑनलाइन अपना नाम जुड़वा सकते हैं. इसके लिए आपको इलेक्शन कमिशन आफ इंडिया की आधिकारिक वेबसाइट www.eci.nic.in पर जाना होगा. इसके बाद ‘ऑनलाइन वोटर रजिस्ट्रेशन’ लिंक पर क्लिक करें. इसके बाद नई यूजर आईडी और पासवर्ड बनाएं. इसके बाद अपनी पासपोर्ट साइज की फोटो अपलोड करें. अगर आप डॉक्यूमेंट अपलोड नहीं कर पा रहे हैं. तो आप उसमें BLO के पास डॉक्यूमेंट जमा करने का ऑप्शन चुन सकते हैं. BLO आपके घर से जरूरी दस्तावेज ले जाएगा.

ऑफलाइन इस तरह करें आवेदन

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अगर आप ऑफलाइन वोटिंग लिस्ट में अपना नाम जुड़वाना चाहते हैं. तो इलेक्शन कमिशन की आधिकारिक वेबसाइट से फॉर्म डाउनलोड कर सकते हैं. या फिर आप निर्वाचन पंजीकरण अधिकारी के पास जाकर उस आवेदन फार्म ले सकते हैं. इसके बाद फॉर्म में मांगी गई जानकारी को भरने के बाद सर्पोटिंग डॉक्युमेंट्स को अटैच करके के बाद आप उसे बूथ लेवल ऑफिसर के पास जमा कर सकते हैं.

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लोकसभा चुनाव 2024: रायबरेली सीट पर है लगातार कांग्रेस का कब्जा, सोनिया गांधी के चुनाव लड़ने से इंकार करने के बाद अब प्रियंका गांधी उतरेंगी मैदान पर!

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Lok Sabha Elections 2024. पिछले लोकसभा चुनाव 2019 में उत्तर प्रदेश की रायबरेली सीट पर ही कांग्रेस जीत हासिल कर पाई थी. बता दें कि रायबरेली में लगातार कांग्रेस का कब्जा है, लेकिन सांसद सोनिया गांधी ने क्षेत्रवासियों को पत्र लिककर चुनाव लड़ने से इंकार किया है. अब इस सीट पर कांग्रेस प्रियंका गांधी को चुनावी मैदान पर उतारेगी या फिर किसी और को मौका देगी?

रायबरेली की सीट को बचाए रखने के लिए कांग्रेस ने 17 सीटों पर समाजवादी पार्टी के साथ समझौता किया है. 25 साल पहले सांसद बनीं सोनिया गांधी इस बार चुनावी मैदान पर नहीं होंगी. यहां से गांधी परिवार के चुनाव लड़ने पर सस्पेंस बना हुआ है. बता दें कि पिछले दिनों यूपी कांग्रेस के अध्यक्ष अजय राय ने भी यह कहा था कि उत्तर प्रदेश और अमेठी और रायबरेली की जनता यह चाहती है कि राहुल गांधी और प्रियंका गांधी अमेठी और रायबरेली से चुनाव लड़ें इसके लिए यूपी कांग्रेस के तरफ से रिक्वेस्ट भी गया हुआ है.

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दरअसल, स्वास्थ्य कारणों का हवाला देकर सोनिया गांधी ने रायबरेली से चुनाव लड़ने से मना कर दिया था और राज्यसभा सदस्य बन गई. बता दें कि सपा ने अपने कोटे से एक सीट टीएमसी के लिए छोड़ दी है. सीट शेयरिंग में कांग्रेस के हिस्से में रायबरेली, अमेठी, कानपुर, फतेहपुर सीकरी, बांसगांव, झांसी, सीतापुर, सहारनपुर, प्रयागराज, महराजगंज, वाराणसी, अमरोहा, बुलदंशहर, गाजियाबाद, मथुरा, बाराबंकी और देवरिया सीट आई हैं.

रायबरेली लोकसभा सीट के चुनावी इतिहास की बात करें तो ये कांग्रेस के पक्ष में नजर आता है. अब तक के चुनावी इतिहास पर नजर डालें तो बस तीन ही मौके ऐसे आए हैं जब इस लोकसभा सीट से कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार को हार का मुंह देखना पड़ा हो. 1977 में कांग्रेस पहली बार रायबरेली हारी थी. तब भारतीय लोकदल के राजनारायण ने इंदिरा गांधी को 55 हजार वोट से अधिक के अंतर से शिकस्त दे दी थी. 

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रायबरेली में कांग्रेस को दूसरी शिकस्त 1996 और 1998 में तीसरी हार मिली थी. 1999 में कैप्टन सतीश शर्मा ने ये सीट फिर से कांग्रेस की झोली में डाल दी. इसके बाद पार्टी का गढ़ बचाने के लिए 2004 में खुद सोनिया गांधी चुनाव मैदान में उतरीं. रायबरेली की जनता ने उन्हें करीब ढाई लाख वोट के अंतर से बड़ी जीत का तोहफा दिया. इसके बाद हर चुनाव में सोनिया गांधी ने रायबरेली से बड़ी जीत दर्ज की थी.

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भारत में 7 चरणों में होंगे लोकसभा के चुनाव

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भारत में 7 चरणों में होंगे लोकसभा के चुनाव
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