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छत्तीसगढ़

रामकथा की कलात्मक प्रस्तुति के सबसे आरंभिक दृश्य रायगढ़ की ओंगना पहाड़ियों में राष्ट्रीय रामायण महोत्सव में होगा रामायण का विराट मंचन

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मुख्यमंत्री भूपेश बघेल रायगढ़ में राष्ट्रीय रामायण महोत्सव का आयोजन करा रहे हैं इसके माध्यम से देश-विदेश में प्रचलित रामायण के विविध रूपों और भगवान श्रीराम के आदर्श की झलक महोत्सव के माध्यम से देखने मिलेगी। मुख्यमंत्री द्वारा की जा रही यह पहल उस विशिष्ट परंपरा को ऊंचाई देने की दिशा में सार्थक पहल है जिसकी सबसे पहले शुरूआत उन शैलचित्रों से हुई जो रायगढ़ के ओंगना में दिखते हैं। यहां लोकअनुश्रुति है कि ओंगना की पहाड़ियों में रामकथा का चित्रण है। यहाँ दस सिरों वाले एक व्यक्ति का युद्ध एक युवक से होता दिखाया गया है।

लोक अनुश्रुति है कि दस सिर वाला व्यक्ति रावण है और उनसे युद्ध कर रहे व्यक्ति श्री राम। इस तरह रामकथा की कलात्मक प्रस्तुति का जो बीज ओंगना में शैल चित्रकारों ने रोपा, अब उसकी विशिष्ट कलात्मक प्रस्तुति रामायण महोत्सव के रूप में होगी।

संस्कृतिधानी रायगढ़ अपने सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और पुरातात्विक धरोहर के लिए प्रदेश ही नहीं पूरे देश में विशिष्ट स्थान रखता है। रायगढ़ कला की नगरी है। यहां के मूर्धन्य कला साधकों ने देश विदेश के कला क्षितिज पर अपनी प्रतिभा से विशेष लालिमा बिखेरी है। रायगढ़ में रामायण को कहे और सुने जाने के साथ रामलीला मैदान में उसके जीवंत मंचन की एक समृद्ध परंपरा रही है।

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कला का यह स्वरूप रायगढ़ के इतिहास से भी जुड़ाव रखता है। रायगढ़ की ख्याति यहां की पहाड़ियों में हजारों वर्षाे पूर्व के बने शैल चित्रों के लिए भी है। जो तत्कालीन समाज के जीवनशैली से परिचय कराते हैं। शैल चित्रों की इन्हीं श्रृंखला के बीच रायगढ़ जिले के सुदूर वनांचल में बसे धरमजयगढ़ विकासखंड से 8 किमी दूर ओंगना पहाड़ी स्थित है। यहां पर भी कई शैल चित्र बने हुए हैं। जिनमें एक चित्र है जिसमें दस सर वाला व्यक्ति अंकित है जो दूसरे व्यक्ति से युद्ध करता दिखाई देता है। पास ही एक महिला खड़ी है। जनश्रुतियों के अनुसार यह रामायण के राम रावण युद्ध प्रसंग से समानता रखता है।

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शैल चित्र प्राचीन कालीन समाज और जीवनशैली का जीवंत पुलिंदा है। हजारों वर्ष पूर्व बने ओंगना पहाड़ी के इन शैलाश्रयों में बने चित्र जनश्रुतियों के अनुसार तब के समाज में रामायण के प्रभाव को प्रदर्शित करते हैं। रामायण की गाथा पीढ़ियों से कही और सुनी जा रही है। देश के विभिन्न भागों में इसके विभिन्न स्वरूप प्रचलित हैं। किंतु पुरातात्विक अवशेषों के रूप में रामायण प्रसंग का उल्लेख दुर्लभ है। छत्तीसगढ़ की धरा से भगवान के राम के जुड़ाव के कई प्रसंग मिलते हैं। छत्तीसगढ़ को भगवान श्री राम की माता कौशल्या की जन्मभूमि माना जाता है। इस नाते उन्हें छत्तीसगढ़ में भांजे का दर्जा प्राप्त है। प्रदेश में माता कौशल्या भी आराध्य हैं। चंदखुरी में देश का इकलौता कौशल्या माता का मंदिर निर्मित है। वनवास के दौरान भी भगवान श्री राम छत्तीसगढ़ के विभिन्न स्थानों से गुजरे थे। जिन्हें चिन्हांकित कर राम वन गमन परिपथ के रूप में विकसित किया जा रहा है।

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छत्तीसगढ़

सूरजपुर : वर्ष 2024 में पद्म पुरस्कार हेतु आवेदन की अंतिम तिथि 15 सितंबर 2023 तक

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सूरजपुर। भारत सरकार द्वारा प्रतिवर्ष विभिन्न क्षेत्रों में प्रदान किये जाने वाले पद्म पुरस्कार हेतु वर्ष 2024 के लिये भी पात्र व्यक्तियों से निर्धारित प्रारूप में नामांकन प्रस्ताव आमंत्रित किया जा रहा है। वर्ष 2024 में पद्म विभूषण, पद्म भूषण और पद्मश्री पुरस्कार प्रदान करने हेतु निर्धारित पात्रता एवं मापदंड अनुरूप स्पष्ट अनुशंसा सहित योग्य पात्र व्यक्तियों के नामांकन प्रस्ताव 15 सितंबर 2023 तक ऑनलाईन माध्यम से आमंत्रित किया गया है। पद्म पुरस्कार अर्थात पद्म विभूषण, पद्म भूषण और पद्मश्री देश के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार है। इस पुरस्कार में उत्कृष्ट कार्य को मान्यता प्रदान की जाती है और इसे सभी क्षेत्रों या विषयों जैसे कला, साहित्य और शिक्षा, खेल, चिकित्सा, सामाजिक कार्य, विज्ञान और इंजीनियरिंग, लोक कार्य, सिविल सेवा, व्यापार और उद्योग आदि में विशिष्ट और असाधारण उपलब्धियों या सेवा के लिए प्रदान किया जाता है।

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कोई भी व्यक्ति किसी जाति व्यवसाय, हैसियत या लिंग के भेदभाव के बिना इन पुरस्कारों के पात्र है। पद्म पुरस्कार के लिए नामांकन केवल ऑनलाइन पोर्टल पर ही स्वीकार की जाऐंगे। नामांकन में अनुशंसित व्यक्ति की उससे संबंधित क्षेत्र, विषय में विशिष्ट और असाधारण उपलब्धियों का स्पष्ट रूप से उल्लेख करते हुए विवरणात्मक रूप में प्रशस्ति पत्र सहित उपर्युक्त पोर्टल पर उपलब्ध प्रारूप में उल्लेखित सभी प्रासंगिक जानकारी दी जानी चाहिए। ऑनलाइन नामांकन करने की क्रमवार प्रक्रिया उपर्युक्त वेबसाइटwww.padmawards.gov.in पर दी गई है।

अंतिम तिथि के पश्चात् प्राप्त होने वाले नामांकन पर विचार नहीं किये जायेंगे। ऑनलाइन नामांकन पश्चात् जिले के कार्यालय खेल एवं युवा कल्याण विभाग सूरजपुर में नामांकन पत्र की छायाप्रति जमा किया जाना है, जिससे जिले से प्राप्त समस्त प्रस्ताव को एकजाई कर उच्च कार्यालय को प्रेषित किया जा सके। नामांकन की प्रक्रिया एवं पद्म पुरस्कार से संबंधित अधिक जानकारी हेतु भारत सरकार के आधिकारिक वेबसाइटwww.padmawards.gov.in पर उपलब्ध है।

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छत्तीसगढ़

बिलासपुर : जिला पंचायत सीईओ ने की फ्लैगशीप योजनाओं में प्रगति की समीक्षा, दिए ये निर्देश

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बिलासपुर। जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी अजय अग्रवाल ने तकनीकी एजेंसियों के ईई, एसडीओ मनरेगा अंतर्गत कार्यरत कार्यक्रम अधिकारियों एवं समस्त तकनीकी सहायकों की बैठक जिला पंचायत सभाकक्ष में लेकर शासन की फ्लैगशीप योजनाओं में प्रगति की विस्तार से समीक्षा की। उन्होंने वित्तीय वर्ष 2022-23 तक के समस्त प्रगतिरत कार्यों को मानसून के पूर्व पूर्ण करने के निर्देश दिए। अमृत सरोवर अंतर्गत स्वीकृत कार्यों को हर हाल में 10 जून तक पूरा करने कहा।

कार्यपालन अधिकारी अग्रवाल ने 30 मई तक शत प्रतिशत आधार सीडिंग, आधार ऑथेन्टिकेशन एवं एबीपीएस की कार्यवाही पूर्ण करने कहा। उन्होंने कहा कि जलदूत एप में वाटर लेवल मापन का कार्य 30 मई तक पूर्ण करा लिया जाए। मनरेगा अंतर्गत हुए सामाजिक अंकेक्षण में हुए एक्जिट कॉफ्रेंस अनुसार एटीआर की कार्यवाही प्राथमिकता में पूर्ण कराया जाए। नरवा इंपैक्ट असेसमेंट का कार्य 15 जून तक पूर्ण करें।

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नरवा अंतर्गत फेस 2, क्लस्टर 3 का डीपीआर 15 जून तक तैयार कर अग्रिम कार्यवाही हेतु प्रेषित करने के निर्देश दिए। इसके साथ ही उन्होंने नरवा अंतर्गत स्वीकृत समस्त कार्यों को 15 जून के पूर्व पूर्ण करने कहा। वित्तीय वर्ष में समयबद्ध मजदूरी भुगतान शत प्रतिशत सुनिश्चित किया जाए। जिओ टैगिंग हेतु लंबित समस्त प्रकरणों को 2 दिवस के भीतर जिओ टैग की कार्यवाही पूर्ण करने कहा। कार्यपालन अधिकारी अग्रवाल ने प्रधानमंत्री आवास योजना के अपूर्ण कार्यों को जल्द पूर्ण करने के निर्देश दिए।

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छत्तीसगढ़

पीजी कालेज स्नातकोत्तर तृतीय सेमेस्टर में ATKT हुए विद्यार्थियों ने कुलपति के नाम सौंपा ज्ञापन

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कोरबा। शासकीय इं. विश्वेसरैया स्नातकोत्तर महाविद्यालय कोरबा के स्नातकोत्तर तृतीय सेमेस्टर में ATKT हुए विद्यार्थियों ने अटल बिहारी बाजपेयी विश्वविद्यालय बिलासपुर के कुलपति के नाम पर पीजी कालेज प्राचार्य को ज्ञापन सौंपा।

विद्यार्थियों का कहना है कि इस वर्ष परीक्षा परिणाम जारी हुई है जिसमें स्नातकोत्तर तृतीय सेमेस्टर के अधिकतर विधार्थी का ATKT लगा है, जबकि M.SC. व अन्य विषय ऐसे है जिसमे पुर्नमूल्यांकन की सुविधा नहीं होने के कारण हम अपनी उत्तर पुस्तिका का पुनः मूल्यांकन नहीं करा पा रहे है, जबकि ATKT विषय की परीक्षा जनवरी 2024 में होगी जिसका रिजल्ट अप्रेल 2024 में आयेगा जिससे हम सभी विधार्थी एक साल बर्बाद हो जायेगा हम सभी विद्यार्थी आज पीजी कालेज प्राचार्य महोदय जी से मिलकर ज्ञापन के माध्यम से अपनी समस्या बतायी है मैडम का आश्वाशन मिला है की हमारी समस्या का समाधान करेंगी।

छात्र नेता मोंटी पटेल का कहना है की यह सभी विद्यार्थियों की माँग जायज़ है जितने विद्यार्थी तृतीय सेमेस्टर में ATKT हुए है उन सभी विद्यार्थियों का जिस भी विषय में ATKT हुए है उन विषय की परीक्षा चतुर्थ सेमेस्टर के साथ ले,
जिससे ATKT हुए सभी विद्यार्थियों का साल खराब न हों, और यह विषय विद्यार्थियों के हित में है जो बिलकुल होना चाहिए।

ज्ञापन सौंपने के दौरान तृतीय सेमेस्टर में ATKT हुए विद्यार्थी नीलम अनंद, भूनेश्वर कुर्रे, बुलबुल जैन, मनोज चंद्रा, मोहन साहू, नीतेश साहू, दीनानाथ साहू, हितेश डक्सेना, भूनेश गवेल, ज्ञानेश्वर चंद्रा, अमित बरेठ, यशवंत कुमार एवं पीजी कालेज नातकोत्तर के नियमित विद्यार्थी व छात्र नेता सन्नी यादव, अर्जुन कर्ष उपस्थित रहे॥

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